Friday, 12 August 2016

कविता खुशबू का झोंका

कविता खुशबू का झोंका

कविता खुशबू का झोंका, कविता है रिमझिम सावन
कविता है प्रेम की खुशबू, कविता है रण में गर्जन

कविता श्वासों की गति है, कविता है दिल की धड़कन
हॅंसना रोना मुस्काना, कवितामय सबका जीवन

कविता प्रेयसी से मिलन है, कविता अधरों पर चुंबन
कविता महकाती सबको, कविता से सुरभित यह मन

कभी मेल कराती सबसे, कभी करवाती है अनबन
कण कण में बसती कविता, कवितामय सबका जीवन

कविता सूर के पद हैं, कविता तुलसी की माला
कविता है झूमती गाती, कवि बच्चन की मधुशाला

कहीं गिरधर की कुंडलियां, कहीं है दिनकर का तर्जन
गालिब और मीर बिहारी, कवितामय सबका जीवन

कविता है कभी हॅंसी तो, कभी दर्द है कभी चुभन है
बन शंखनाद जन मन में, ला देती परिवर्तन है

हैं रूप अनेकों इसके, अदभुत कविता का चिंतन
मानव समाज का दर्शन, कवितामय सबका जीवन



No comments: