Thursday 13 August 2009

मुक्तक

दुःख में पीडा में पले जो उसका अभिनन्दन करें
जब जरूरत हो जले जो, उसका अभिनन्दन करें
यूँ तो चलने को सभी चलते हैं जीवन राह पर
भीड़ से हटकर चले जो उसका अभिनन्दन करें

3 comments:

Vinay said...

बहुत सुन्दर अशआर

mehek said...

भीड़ से हटकर चले जो उसका अभिनन्दन करें
behad sunder

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपका अभिनन्दन है जी!
चार लाइनों पर चौथा कमेंट है जी!